Sunday, May 10, 2009

खिड़की के पार पसरा चमकीला अँधेरा
और झील के किनारे झूमते सरसराते
ये अधेढ़ ऊँचे लम्बे पेड़ इठलाते
सहलाते खुरदुरी देह
अपनी नयी जवान हरी पत्तियों से...

1 comment:

●๋• नीर ஐ said...

Bahut hi umda khayaal hai.... :)