Sunday, December 16, 2007

आओ और देखो ,
मेरा अकेलापन
सालता है मन को
सूनापन
वो चुप्पी जो तुम्हारे
साथ होने पर थी

लगती कभी अच्छी
अब अपने पैने
नाखूनों से कुरेदती

रहती है मुझ को....

No comments: