Friday, December 21, 2007

मेरी शामें
बीतती हैं
झींगुरों और मछरों
कि युगलबंदी

सुनते ही
आसमान के सितारों
जड़े चंदोवे तले ....
और बेशरम चाँद की
छेड़ती
मुस्कुराती नजरों
के साए में....

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