Wednesday, January 9, 2008

मैंने तो उतार फेंकी शानों से तेरे आंसुओं की लाश
हो सके तो उतार फ़ेंक अपने शानों से अपनी लाश...

1 comment:

Ashish Dubey said...

wah-wah!!
gazab hai... apane to upar se nikal gayi.....badde-badde log baddi-baddi baaten...