Friday, January 4, 2008

ग्लेशियर...
गहन ,स्याह
कंटीली सर्द
रातों को
मेरी नींद से खाली
पलकें सोयीं
तुम्हारी हिमाच्छादित
सुकून भरी गर्माहट
लिए शर्ट का
एक अनदेखा
कोना थाम कर

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