Sunday, January 13, 2008

तेज आँधियों में
खड़ी रही रात भर
पीठ टिका कर
मैं जिसे समझ
चट्टान की दीवार
सुबह देखा तो
पीठ पर कुछ
जलता सा
पिघला सा
मोम चिपका
हुआ सा मिला...

उफ़...
अब ये रिसते फफोले

1 comment:

AMIT KUMAR said...

itni dard kyon.................