Sunday, January 13, 2008

भटकता जाने कब से
वो चमकीला , अब
बुझ चला तारा
टूटा टुकड़ों - टुकड़ों
बिखरा ,गिरा तारा
और तुमने यहाँ
तानी दूरबीने
हँसे,किलके
कहा देखो
टूटा तारा..

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