Wednesday, January 16, 2008

कल उस पेड़

की एक शाख

काँपी , थर्थराई

उसके पत्तों को

खौफ था

किसी चिड़िया

की आँखों में

पनपते एक

सपने का...

1 comment:

Ashish Dubey said...
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