Monday, January 28, 2008

ज़िंदगी , तुम्हारी कंजूस मुस्कुराहटों का
गुलाबीपन इस कदर मेरे होंठो को छू गया है
कि मैं भी बेसाख्ता सी बस यूं ही बे बात
मुस्कुराये जा रही हूँ उस दिन से आज तक ...

No comments: